PNB घोटाले का आरोपी बेल्जियम में किया गिरफ्तार, मेहुल चोकसी की बढ़ी मुश्किलें

14 अप्रैल, दिन सोमवार को बेल्जियम की संघीय लोक सेवा के द्वारा पुष्टि की गई है की शनिवार के दिन भारतीय व्यवसायी भगोड़े मेहुल चोकसी को हिरासत में ले लिया गया था, जिसके तहत स्थानीय अधिकारियों ने अनुरोध किया कि 13,500 करोड़ रुपये के कथित मूल्यांकन वाले मनी लॉंडरिंग मामले की सुनवाई भारत में की जाए। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी PNB बैंक में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में वांछित है।

मेहुल चोकसी की उम्र (Mehul Choksi Age) लगभग 66 वर्ष है, चोकसी की कंपनी का नाम (Mehul Choksi Company Name) गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है, वह गीतांजलि जेम्स का चेयरमैन और प्रबंध निदेशक था। गीतांजलि जेम्स एक आभूषण बनाने वाली कंपनी है जिसके भारत और विदेशों में लगभग 4000 से भी ज़्यादा आउटलेट थे।

धोखाधड़ी सामने आने से पहले, मेहुल चोकसी की नेटवर्थ (Mehul Choksi Net Worth) हजारों करोड़ रुपये में आंकी गई थी, क्यूंकि इसकी कंपनी हीरे, सोने और अन्य कीमती रत्नों के व्यापार और आभूषणों के निर्माण में शामिल थी।

PNB अधिकारियों को शामिल कर, किया 13,500 करोड़ का घोटाला

हालाकि रिपोर्ट्स के अनुसार मेहुल चोकसी 2018 से ही भारत से फरार है और हाल ही में आई खबर में यह बताया गया है कि वह चिकित्सा उपचार के लिए स्विट्जरलैंड भागने की तैयारी कर रहा था लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम रही, उसे स्विट्जरलैंड भागने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। चोकसी की गिरफ्तारी मेहुल चोकसी केस (Mehul Choksi Case) में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

मेहुल चोकसी और नीरव मोदी (Mehul Choksi and Nirav Modi) दोनों पर ही धोखाधड़ी का मामला पहले से ही दर्ज है। इन दोनों पर PNB के अधिकारियों के साथ मिल कर लगभग 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। मेहुल चोकसी के द्वारा यह पैसा भारी मात्रा में लेटर ऑफ़ अंडरटेकिंग (LoUs) और फॉरेन लैटर ऑफ़ क्रेडिट (FLCs) के माध्यम से निकाला गया था। वहीं मेहुल चोकसी के भांजे नीरव मोदी (Nirav Modi) को भी इस मामले में लंदन पुलिस अधिकारियों द्वारा पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।

अवैध धन को ठिकाने लगाने में प्रीति चोकसी की भूमिका

भारत (india news) में आए दिन आ रही नई खबरों से यह भी सामने आया है कि मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति चोकसी भी कुछ मुखोटा कंपनियों से जुड़ी थी, जिनका इस्तेमाल साफ़ तौर पर अवैध धन को ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा था और ED के द्वारा अपनी चार्जशीट में यह भी लिखा गया है कि प्रीति चोकसी अपने पति मेहुल चोकसी के द्वारा कमाए जा रहे पैसों के स्रोत से भली भाँति वाक़िफ़ थी, जो कि अवैध तरीके और धोखाधड़ी से कमाए जा रहे थे।

यह कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं मेहुल चोकसी की पत्नी भी इस घोटाले में शामिल थी और PNB के इस भारी नुकसान की ज़िम्मेवार है। इसके इलावा कुछ गैरकानूनी वित्तीय मामलो में मेहुल चोकसी के बेटे रोहन चोकसी का नाम भी सामने आया है।

एंटीगुआ की जेल में काटने पड़े 51 दिन

सारे मामले की जांच करते हुए अधिकारियों ने रिपोर्ट्स को बताया की मेहुल चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम (Belgium) में रह रहा था और उसने अपनी पत्नी की मदद से बेल्जियम की नागरिकता भी हासिल की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता को छिपाते हुए बेल्जियम के अधिकारियों को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ सौंपे थे। इस के बाद जब कार्यवाही करने पर सच सामने आया तो बेल्जियम सरकार के द्वारा भारतीय कर्मचारियों को मेहुल चोकसी की ख़बर भेज दी गई थी।

2018 में भारत छोड़ने से पहले ही मेहुल चोकसी के द्वारा 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की जा चुकी थी।लेकिन कुछ साल बाद 2021 में मेहुल एंटीगुआ के पड़ोसी देश डोमिनिका पहुँच गया लेकिन वहाँ उसे डोमिनिका के पुलिस अधिकारियों द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया था।

जेल में तकरीबन 51 दिन गुज़रने के बाद उसे प्रिवी काउंसिल की तरफ़ से राहत दे दी गई और उसे वापिस एंटीगुआ भेज दिया गया। इसके एंटीगुआ वापिस पहुँचने पर डोमिनिका की अदालत के द्वारा चोकसी के ख़िलाफ़ दर्ज सभी केस ख़ारिज कर दिए गए।

मेहुल चोकसी एंटीगुआ में रहते हुए भी काफ़ी विवादों में रहा है, रिपोर्ट्स के मुताबिक एंटीगुआ में रहते समय मेहुल चोकसी पर अपहरण के मामले भी दर्ज किए थे जिन्हें मेहुल के द्वारा बेबुनियाद बताया गया था।

मेहुल चोकसी PNB घोटाले पर हरिप्रसाद एसवी ने कहा – प्रत्यपर्ण आसान काम नहीं

PNB घोटाले में चोकसी की गिरफ्तारी उन पीड़ितों को भी कुछ उम्मीद देगी जिन्होंने PNB घोटाले में अपनी खून पसीने की कमाई खो दो थी। लेकिन उन्हें अपना पैसा वापिस पाने में कितना समय लगेगा ये बता पाना अनिश्चित है। फ़िलहाल PNB घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में ही है।

हरिप्रसाद एसवी के अनुसार मेहुल चोकसी अभी भी बेल्जियम (Belgium Mehul Choksi) में ही है और उसे भारत लाना आसान काम नहीं है। वह यूरोप के सर्वोत्तम वकील को हायर करने का प्रयत्न करेगा। एंटीगुआ से भी वह वकीलों की मदद से भाग निकला था लेकिन इस बार उसे इंडिया लाना आसान नहीं होगा।

नागरिकता का मुद्दा और प्रत्यपर्ण की कानूनी प्रक्रियाएं

इस के इलावा मेहुल चोकसी की नागरिकता का मुद्दा भी भारी पड़ सकता है क्यूंकि उस के पास एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता पहले से ही मौजूद है और यह देश भी प्रत्यपर्ण के मामलो में अपने कानूनों का पालन करता है। क्यूंकि, चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है इसलिए बेल्जियम के कानून और इंडिया के साथ उसकी प्रत्यपर्ण संधि ही इस मामले में निर्णायक होगी।

देखा जाए तो मेहुल चोकसी PNB (Mehul Choksi PNB) घोटाले में चोकसी की गिरफ्तारी इस केस में बहुत बड़ा मोड़ है। यह भारत सरकार की कड़ी मेहनत और लगातार प्रयासों का परिणाम है।हालाकि कानूनी परिक्रियाएँ लंबी और चुनौतीपूर्ण हो सकती है, और यह देखना होगा की चोकसी का प्रत्यापर्ण कब और कैसे संभव हो पाता है।

मेहुल चोकसी की खबर (Mehul Choksi News) पर सभी देशवासियों की निगाहे टिकी हुई हैं, क्यूंकि यह ना केवल एक वित्तीय घोटाले से जुड़ा है, बल्कि यह भगोड़े अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने के भारत के संकल्प का भी प्रतीक है।

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