नमस्कार दोस्तों Hindi Breaking News में आपका स्वागत है। Google Beam AI आज के इस तकनीकी दौर में वीडियो कॉलिंग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन अब तक हम जिस वीडियो कॉलिंग तकनीक का इस्तेमाल करते थे, वह सिर्फ 2D स्क्रीन तक ही सीमित थी। लेकिन Google ने इस अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए एक नई तकनीक लॉन्च की है जिसे Google Beam AI के नाम से जाना जाता है।
यह तकनीक यूजर्स को वीडियो कॉलिंग में एक नया अनुभव देने वाली है, जिसमें आप वीडियो कॉलिंग में इंसान को बिल्कुल सामने बैठे हुए इंसान की तरह देख और महसूस कर सकते हैं। इस टेक्नोलॉजी में AI और 3D वीडियो प्रोसेसिंग तकनीक का बेहतरीन उपयोग किया गया है।
Google Beam AI क्या है?
Google ने पहले ही इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था जिसे Project Starline के नाम से जारी किया गया था। इसका मकसद एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना था, जहां दूर बैठे लोग आमने-सामने बैठे लोगों जैसा बात करने का अनुभव ले सकते हैं। Project Starline को 2021 में पहली बार Google I/O इवेंट में लॉन्च किया गया था। इसके बाद कंपनी ने इसे और भी बेहतर बनाने के लिए Google Beam AI का नाम दिया, जिसे 2024 में सार्वजनिक कर दिया गया था। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और एडवांस कैमरा सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके रियल टाइम 3D वीडियो कॉलिंग क्रिएट किया जाता है।
Google Beam AI कैसे काम करता है?
यदि आप भी सोच रहे हैं कि Google Beam AI कैसे काम करती है तो आप सभी को बता दें कि इसमें हाई डेफिनिशन कैमरा और 3D सेंसर लगे होते हैं, जो आपके हाव-भाव, चेहरे के हिलने-डुलने और बॉडी लैंग्वेज को कैप्चर करते हैं। इसके बाद AI एल्गोरिदम इन डाटा को प्रोसेस करके 3D मॉडल में तैयार करके आपके सामने पेश करता है।
Google Beam AI की खासियतें
यदि हम Google Beam AI की खासियत की बात करें तो आप सभी को बता दें कि इसमें बहुत सारी खूबियां हैं, जो निम्नलिखित हैं
- यह तकनीक यूजर्स को एक ऐसा अनुभव देती है जैसे वह सामने वाले के साथ एक कमरे में बैठकर बात कर रहे हों।
- इसमें रियल टाइम 3D वीडियो प्रोसेसिंग की सुविधा दी गई है, जो कि AI के मदद से यह रियल टाइम में 3D मॉडल तैयार करता है जिससे लैग की समस्याएं नहीं होती हैं।
- बेहतर पिक्चर क्वालिटी के लिए इसमें खास कैमरा और 3D सेंसर लगाए जाते हैं।
- यूजर के हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज को बिल्कुल सटीक तरीके से कैप्चर करता है।
- Starlink जैसी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के साथ भी यह शानदार परफॉर्मेंस प्रदान करता है।
Google Beam AI का उपयोग
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और मीटिंग करने के लिए किया जा सकता है।
- दूर-दराज़ में रहने वाले रिश्तेदारों और परिवार से वीडियो कॉल बात करने के लिए किया जा सकता है।
- इसकी मदद से मेडिकल, एजुकेशन और कस्टमर सर्विस सेक्टर में क्रांति देखने को मिलेगी।
- बिजनेस मीटिंग में प्रेजेंस के लिए यह एक बेहतर विकल्प होने वाला है।
- इसकी मदद से टेलीमेडिसिन और वर्चुअल हेल्थ चेकअप भी किया जा सकता है।
- कॉर्पोरेट मीटिंग करने के लिए किया जा सकता है।
- हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर और मरीज वर्चुअल आमने-सामने बैठकर जांच और सलाह ले पाएंगे।
- एजुकेशन सेक्टर में इसका उपयोग ऑनलाइन क्लासेस को रियलिस्टिक और इंटरएक्टिव बनाने में होगा।
- घर बैठे परिवार और दोस्तों से रियलिस्टिक 3D कॉलिंग का आनंद ले सकते हैं।
Google Beam AI कब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा?
यदि आपके मन में यह सवाल है कि Google Beam AI कब तक आम लोगों के लिए शुरू किया जाएगा, तो आप सभी को बता दें कि फिलहाल Google Beam AI कुछ चुने हुए कॉर्पोरेट और रिसर्च पार्टनर्स के लिए उपलब्ध है। Google आने वाले समय में इसे अधिक पब्लिक यूज़ के लिए लॉन्च करेगा। एक अनुमान के अनुसार बताया जा रहा है कि 2025 के अंतर्गत कुछ देशों में इसकी पायलट सर्विसेज़ शुरू हो जाएंगी।
निष्कर्ष
Google Beam AI तकनीक वीडियो कॉलिंग की दुनिया में एक नई क्रांति लाने वाली है। इसमें सिर्फ बातचीत नहीं होगी, बल्कि लोग एक-दूसरे को सामने से महसूस कर सकते हैं क्योंकि तकनीक की मदद से लोग AI और 3D सेंसर की मदद से सामने वाले को ऐसे महसूस कर सकते हैं जैसे कि वह पास में बैठकर उनसे बात कर रहा हो और इसमें वीडियो कॉल का अनुभव बिल्कुल रियलिस्टिक होने वाला है।